संपूर्ण सुंदरकांड चौपाई Free PDF Download, रामायण का एक महत्वपूर्ण अध्याय सुंदरकांड भक्तों के बीच विशेष श्रद्धा और सम्मान रखता है। यह लेख आपको सुंदरकांड पाठ, इसका हिंदी में अर्थ, Sunderkand PDF in Hindi.
सुन्दरकाण्ड, जो कि वाल्मिकी द्वारा रचित है, रामायण का एक आवश्यक खण्ड (काण्ड या सोपान) है। यह तुलसी दास कृत श्री रामचरित मानस और किसी भी भाषा की रामायण में भी शामिल है। सुंदरकांड में हनुमानजी की उल्लेखनीय उपलब्धियों का वर्णन है। रामायण के पाठ में सुंदरकांड का पाठ विशेष महत्व रखता है।
सुंदरकांड( Sunderkand PDF) का पाठ मंगलवार या शनिवार को व्यक्तिगत रूप से या समूह के साथ संगीतमय रूप में किया जाता है। सुंदरकांड के लगातार पाठ से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप समृद्धि, संपत्ति, संतुष्टि, प्रतिष्ठा और अन्य लाभ मिलते हैं।
Download Free Sunderkand PDF in Hindi
Click Here to Download Sunderkand PDF in Hindi
संपूर्ण सुंदरकांड चौपाई pdf | Sunderkand ka paath | Sunderkand PDF in hindi
सुंदरकांड का पाठ करने के फायदे?
सुंदरकांड के बारे में बताएंगे। सुंदरकांड पढ़ने ( sunderkand in hindi )से बड़े लाभ आपको मिलेंगे। आपको बड़े लाभ कौन-कौन से मिलेंगे।
- सुंदरकांड का पाठ करने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। अगर मनुष्य के जीवन में कोई भी परेशानी है तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी संकटों का नाश हो जाता है और जीवन खुशहाल बन जाता है।
- सुंदरकांड का पाठ करने से सभी ग्रह शांत हो जाते हैं और भूत प्रेतों का डर भी जीवन से दूर हो जाता है। सभी ग्रह आपको शुभ परिणाम देने लगते हैं क्योंकि हनुमानजी को प्रेतराज भी कहा जाता है।
- तुलसीदास जी के अनुसार हनुमानजी की कृपा पाने का सबसे सरल साधन सुंदरकांड ही है। सुंदरकांड का पाठ करने से मनुष्य के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। उसके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई भी कमी नहीं रहती है।
- अगर आप संकल्प लेकर सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो आपके जीवन की एक समस्या नहीं। आपके जीवन की लगभग सभी समस्याओं का अंत हनुमान जी स्वयं करेंगे।
- 1 सप्ताह में मंगलवार या फिर शनिवार को सुंदरकांड का पाठ मनुष्य को जरूर करना चाहिए। अगर आपके जीवन में विषम परिस्थितियां हैं तो आपको सुंदरकांड का पाठ जरूर करना चाहिए।
- Sunderkand ka paath करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ जाता है और इच्छाशक्ति भी दृढ़ हो जाती है। सोचने समझने की क्षमता बढ़ जाती है क्योंकि बजरंगबली मनुष्य की बुद्धि का विकास करते हैं।
- अगर आप प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो आपके सभी रोग नष्ट हो जाते हैं।और जीवन से कर्ज की समस्या से भी आपको छुटकारा मिल जाता है।
- वह लाभ सुंदरकांड का पाठ करने।व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है और उसके जीवन से नकारात्मक का पूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है और अचानक से सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। किसी भी काम में अड़चन पैदा नहीं होती है।
- हनुमान जी की भक्ति करने से और प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ ( Sunderkand Path ) करने से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्टों का नाश होकर जीवन के हर क्षेत्र में उसको सफलता मिलती है। वह प्रतिदिन आगे बढ़ता रहता है। किसी भी क्षेत्र में उसको निराशा नहीं मिलती है।
|| श्रीगणेशाय नमः ||
श्रीकेकीवल्लभोविजयते
श्रीरामचरितमानस
पंचम सोपान
सुंदरकांड
|| श्लोक ||
शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं
ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् ।
रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं
वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्।।१।।
नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये
सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा।
भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे
कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च।।२।।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।३।।
जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए।।
तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद मूल फल खाई।।
जब लगि आवौं सीतहि देखी। होइहि काजु मोहि हरष बिसेषी।।
यह कहि नाइ सबन्हि कहुँ माथा। चलेउ हरषि हियँ धरि रघुनाथा।।
सिंधु तीर एक भूधर सुंदर। कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर।।
बार बार रघुबीर सँभारी। तरकेउ पवनतनय बल भारी।।
जेहिं गिरि चरन देइ हनुमंता। चलेउ सो गा पाताल तुरंता।।
जिमि अमोघ रघुपति कर बाना। एही भाँति चलेउ हनुमाना।।
जलनिधि रघुपति दूत बिचारी। तैं मैनाक होहि श्रमहारी।।
दो0- हनूमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम।
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम।।१।।